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Showing posts from March, 2018
Radha Soami Ji kahani do kisano ki सकारात्मक सोच:– पुराने समय की बात है, एक गाँव में दो किसान रहते थे। दोनों ही बहुत गरीब थे, दोनों के पास थोड़ी थोड़ी ज़मीन थी, दोनों उसमें ही मेहनत करके अपना और अपने परिवार का गुजारा चलाते थे। अकस्मात कुछ समय पश्चात दोनों की एक ही दिन एक ही समय पे मृत्यु हो गयी। यमराज दोनों को एक साथ भगवान के पास ले गए। उन दोनों को भगवान के पास लाया गया। भगवान ने उन्हें देख के उनसे पूछा, अब तुम्हे क्या चाहिये, तुम्हारे इस जीवन में क्या कमी थी, अब तुम्हें क्या बना के मैं पुनः संसार में भेजूं। भगवान की बात सुनकर उनमे से एक किसान बड़े गुस्से से बोला,  “हे भगवान! आपने इस जन्म में मुझे बहुत घटिया ज़िन्दगी दी थी। आपने कुछ भी नहीं दिया था मुझे। पूरी ज़िन्दगी मैंने बैल की तरह खेतो में काम किया है, जो कुछ भी कमाया वह बस पेट भरने में लगा दिया, ना ही मैं कभी अच्छे कपड़े पहन पाया और ना ही कभी अपने परिवार को अच्छा खाना खिला पाया। जो भी पैसे कमाता था, कोई आकर के मुझसे लेकर चला जाता था और मेरे हाथ में कुछ भी नहीं आया। देखो कैसी जानवरों जैसी ज़िन्दगी जी है मैंने।” उस...
Radha Soami Ji Baba Ji Ka Bachpan बाबाजी जब छोटे थे तो लँगर खाने के बाद, प्रसाद का कुछ हिसा बचाकर अपनी जेब मे रख लेते थे किसी सेवदार ने कई बार येह देखा और एक बार महाराज जी को जाकर बताया के गोगी ( बाबाजी को बचपन का नाम ) के वो रोज़ लंगर का प्रसाद बचाकर कैंटीन के पास जो पेड है वहाँ बैठ कर कीड़ों मकोडों को छोटे छोटे टुकड़े कर के डालते हैं. तब महाराज जी ने हँसते हुए कहा के वो प्रसाद waste नही कर रहे है बल्कि अपनी संगत तैयार कर रहे है.इसीलिये भाइयो और बहिनो हम वो कीडे मकोड़े ही थे जिन को हमारे प्यारे बाबाजी ने इतनी बख्शीश की और इंसान का जामा दिया है. || राधास्वामी जी ||
Radha Soami                           ईश्वर में विश्वास की अद्भुत कहानी – जरूर पढ़े कहानी को पूरी जरूर पढ़े एक नास्तिक की भक्ति………. हरिराम नामक आदमी शहर के एक छोटी सी गली में रहता था। वह एक दवाखाने का मालिक था। सारी दवाइयों की उसे अच्छी जानकारी थी। दस साल का अनुभव होने के कारण उसे अच्छी तरह पता था कि कौन सी दवाई कहाँ रखी है। वह इस पेशे को बड़े ही शौक से बहुत ही निष्ठा से करता था। दिन-ब-दिन उसके दुकान में सदैव भीड़ लगी रहती थी। वह ग्राहकों को वांछित दवाइयों को सावधानी और इत्मीनान होकर देता था। पर उसे भगवान पर कोई भरोसा नहीं था वह एक नास्तिक था।  भगवान के नाम  से ही वह चिढ़ने लगता था। घरवालों उसे बहुत समझाते पर वह उनकी एक न सुनता था। खाली वक्त मिलने पर वह अपने दोस्तों के संग मिलकर, घर या दुकान में ताश खेलता था। एक दिन उसके दोस्त उसका हालचाल पूछने दुकान में आए अचानक बहुत जोर से बारिश होने लगी। बारिश की वजह से दुकान में भी कोई नहीं था। बस फिर क्या, सब दोस्त मिलकर ताश खेलने लगे। एक छोटा लड़का उसके दूकान में...
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Radha Soami Ji                   Habits tell the whereabouts of aught – Story Hind *आदतें औकात का पता बता देती हैं…* एक राजा के दरबार मे एक अजनबी इंसान नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी क़ाबलियत पूछी गई,  तो वो बोला, “मैं आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ। राजा ने उसे अपने खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना दिया। चंद दिनों बाद राजा ने उससे अपने सब से महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा, उसने कहा, “नस्ली नही हैं ।” राजा को हैरानी हुई, उसने जंगल से घोड़े वाले को बुला कर पूछा.. उसने बताया, घोड़ा नस्ली तो हैं, पर इसकी पैदायश पर इसकी मां मर गई थी, ये एक गाय का दूध पी कर उसके साथ पला है। राजा ने अपने नौकर को बुलाया और पूछा तुम को कैसे पता चला के घोड़ा नस्ली नहीं हैं ?” “उसने कहा “जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सर नीचे करके, जबकि नस्ली घोड़ा घास मुह में लेकर सर उठा लेता हैं। ? राजा उसकी काबलियत से बहुत खुश हुआ, उसने नौकर के घर अनाज ,घी, मुर्गे, और अंडे बतौर इनाम भिजवा दिए। और उसे रानी के ...
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Radha Soami बाप ने बेटी को गले से लगा लिया – एक दिलचस्प कहानी जरूर पढ़े… बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक घर में एक बेटी ने जनम लिया, जन्म होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया। रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा गयी मनहूस। पर बाप ने कुछ नही कहा  अपनी बेटी को , बेटी का पालन पोषण शुरू किया, खेत में काम करता और बेटी को भी खेत ले जाता, काम भी करता और भाग कर बेटी को भी संभालता। रिश्तेदारों ने बहुत समझाया के दूसरा विवाह कर लो पर बाप ने किसी की नही सुनी और पूरा धयान बेटी की और रखा। बेटी बड़ी हुयी स्कूल गयी फिर कॉलेज। हर क्लास में फर्स्ट आयी। बाप बहुत खुश होता लोग बधाइयाँ देते। बेटी अपने बाप के साथ खेत में काम करवाती, फसल अच्छी होने लगी, रिश्तेदार ये सब देख कर चिढ़ गए। जो उसको मनहूस कहते थे वो सब चिढ़ने लग गए। लड़की एक दिन अच्छा पढ़ लिख कर पुलिस में SP बन गयी। एक दिन किसी मंत्री ने उसको सम्मानित करने का फैसला लिया और समागम का बंदोबस्त करने के  आदेश दिए । समागम उनके ही गाँव में रखा गया। मंत्री ने समागम में लो...
Radha Soami Ji   ध रती फट रही है – एक प्रेरणादायक कहानी बहुत समय पहले की बात है किसी जंगल में एक गधा बरगद के पेड़ के नीचे लेट कर  आराम कर रहा था  . लेटे-लेटे उसके मन में बुरे ख़याल आने लगे , उसने सोचा ,” यदि धरती फट गयी तो मेरा क्या होगा ?” अभी उसने ऐसा सोचा ही था कि उसे एक जोर के धमाके की आवाज़ आयी. वह भयभीत हो उठा और चीखने लगा ” भागो-भागो धरती फट रही है , अपनी जान बचाओ…..”  और ऐसा कहते हुए वह पागलों की तरह एक दिशा में भागने लगा. उसे इस कदर भागता देखते हुए एक अन्य गधे ने उससे पूछा , ” अरे क्या हुआ भाई , तुम इस तरह बदहवास भागे क्यों जा रहे हो ?” ” अरे तुम भी भागो…अपनी जान बचाओ, धरती फट रही है…”, ऐसा चीखते हुए वह भागता रहा . यह सुन कर दूसरा गधा  भी डर गया और उसके साथ भागने लगा.  अब तो वह दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे- ” भागो-भागो धरती फट रही है …भागो-भागो ….” देखते-देखते सैकड़ों गधे इस बात को दोहराते हुए उसी दिशा में भागने लगे. गधों को इस तरह भागता देख , अन्य जानवर भी डर गए. धरती फटने की खबर जंगल में लगी ...
Radha Soami Ji तुम किसी और से प्रेम नहीं करोगे …वर्ना मेरी आत्मा तुम्हे चैन से जीने नहीं देगी क आदमी की पत्नी अचानक से बहुत बीमार पड़ गयी . मरने से पहले उसने  अपने पति से कहा  , “ मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ …. तुम्हे छोड़ कर नहीं जाना चाहती… मैं नहीं चाहती की मेरे जाने के बाद तुम मुझे भुला दो और किसी दूसरी औरत से शादी करो … वादा करो कि मेरे मरने के बाद तुम किसी और से प्रेम नहीं करोगे …वर्ना मेरी आत्मा तुम्हे चैन से जीने नहीं देगी ” और इतना कह कर वो चल बसी . उसके जाने के कुछ महीनो तक उस आदमी ने किसी दूसरी औरत की तरफ देखा तक नहीं पर एक दिन उसकी मुलाक़ात एक ऐसी लड़की से हुई जिसे वह चाहने लगा . बात बढ़ते -बढ़ते शादी तक आ गयी और उनकी शादी हो गयी . शादी के ठीक बाद आदमी को लगा कि कोई उससे कुछ कह रहा है , मुड़ कर देखा तो वो उसकी पहली पत्नी की आत्मा थी. आत्मा बोली , “ तुमने अपना वादा तोड़ा है , अब मैं हर रोज तुम्हे परेशान करने आउंगी .” और इतना कह कर वो गायब हो गयी . आदमी घबरा गया , उसे रात भर नींद नहीं आई . अगले दिन भी रात को उसे वही आवाज़ सुनाई दी . ...
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RADHASOAMI JI Lahore ke Ladke ki Sakhi लाहौर_के_लड़के_की_साखी…. एक लाहौर का लड़का था,सत्संगी तथा प्रेमी जीव था। बरमा गया हुआ था,जब वर्मा की लड़ाई शुरू हुई तो सतगुरु का ध्यान लगाने लगा। उस समय जहाज के टिकट नहीं मिलते थे।सतगुरु ने दर्शन दिए। कहा- “तू चल, टिकट मिल जायेगा पर जब दो जहाज निकल जायेगे तब तीसरे में बैठना। वह चल पड़ा, बेचारा जब पहुचा तो जहाज तैयार था टिकट मिल गया। जब चढ़ने लगा तो हजूर एक अगे्ज के रूप में आकर कहने लगे – देखो इस में मत बैठो,इस में जगह नहीं हैं।मन बुरी के बसा था, कहने लगा- साहिब इस में जगह है।लेकिन फिर भी उन्होंने उस में नहीं बैठने दिया।इस के बाद दूसरा जहाज आ गया।उस में भी एक फौजी अफसर के रूप में प्रकट हो कर उस के बहुत जोर लगाने पर भी नही बैठने दिया। जब तीसरा जहाज आया तो कहने लगे बैठ जा ठीक से पहुंच जाएगा कोई तकलीफ नहीं होगी। जब मैं जहाज में बैठ गया तो नीद आ गई स्वप्न में सतगुरु ने दर्शन दिए और कहा -देखो मैने जो किया तुम्हारे भले के लिए किया।तुझेअभी पता चल जाएगा वह दोनों जहाज डूब जाने हैं। थोड़ा सा डालेगा तो यह भी लेकिन सही सलामत जायेगा, तुम घबराना...
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RadhaSoami Ji बाबा_सावन_सिहँ_जी के समय की बात है डेरा ब्यास में लंगर के लिये सब्जी अमृतसर से लाई जाती थी दोपहर बाद दो या तीन सेवादार सब्जी लेने जाते थे ।और शाम तक आ जाते थे ,मण्डी में एक सेवादार भाई था जो उनको सब्जी दिलवाकर उन्हे गाड़ी में बैठा देता था | एक दिन उनकी गाड़ी छूट गई और उन्हे उस सेवादार के घर रुकना पडा़ जो भाई मण्डी से उन्हे सब्जी दिलवाता था वह भाई बहुत गरीब था ,जब वे सेवादार रात को खाना खा रहे थे तो सब्जी में नमक कम था जब सेवादार भाईयों ने नमक मांगा तो घर में उस दिन नमक खत्म हो गया था,उसने दूकान से नमक लाने की सोची तो घर में पैसे भी नही थे ,उस भाई ने नमक न होने पर सेवादारों से माफी मांगी कि आपको बिना नमक का खाना पडा सेवादार बोले कोई बात नही वीर जी हम वैसे ही खा लेंगे अगली सुबह वे सब्जी लेकर डेरा ब्यास आ गये,जब वे सेवादार बाबा सावन सिहँ से मिले तो अर्ज़ किया कि मण्डी वाला भाई कितनी सेवा करता है ,उसके भाग्य में थोड़े नमक के लिये पैसे तो लिख देते ।संत दयावान होते है ,बाबा जी बोले अच्छा ये बात है कोई नी दे देने हां । अगले कुछ ही दिनो में मालिक की ऐसी कृपा हुई उस भाई ...